भोपाल। झाबुआ के मेघनगर में खाद बनाने वाली पांच कंपनियों का फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद अब कमलनाथ सरकार शुद्ध खाद के लिए अभियान चलाएगी। 15 नवंबर से इसकी शुरुआत होगी। यह अभियान ठीक वैसे ही चलेगा जैसा मिलावटी खाद्य वस्तुओं के लिए सरकार ने चलाया है। अभी तक प्रदेश में 952 खाद के नमूने अमानक निकल चुके हैं। कृषि विभाग को अंदेशा है कि रबी सीजन में खाद की खपत अधिक होगी, इसलिए नकली खाद बड़े पैमाने पर खपाई जा सकती है। सूत्रों के मुताबिक कृषि विभाग ने बीते एक साल में खाद निर्माता कंपनियों और दुकानों से 10 हजार 681 खाद के नमूने लिए थे। प्रयोगशाला में इनकी जांच कराई तो 9621 मानक और 952 अमानक पाए गए।
सभी को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 109 पंजीयन निलंबित किए और 37 एफआईआर करवाई जा चुकी हैं। अक्टूबर में झाबुआ के मेघनगर में मेसर्स एग्रोफास इंडिया लिमिटेड, मोनी मिनरल्स एंड ग्राइंडर्स, रॉयल एग्रीटेक, त्र्यंबकेश्वर एग्रो इंडस्ट्रीज, आरएम फॉस्फेट एंड केमिकल्स, धनलक्ष्मी बायोकेम, एडवांस क्रॉपकेयर सहित अन्य कंपनियों को ब्लैकलिस्ट करते हुए लाइसेंस निलंबित कर दिए हैं। इन कंपनियों ने न तो स्टॉक का रजिस्टर रखा और न ही प्रयोगशाला की स्थिति जांच में सही पाई गई। खाद बिक्री का कोई हिसाब-किताब भी नहीं मिला। कृषि विभाग ने खाद का स्टॉक बेचने के लिए एक माह का समय दिया है।